जागे मांम आदिवासी, ईतल बातल निकुन नींद लागता...गोंडी शिक्षा गीत
ग्राम-आलमपुर, तहसील-चिचोली, जिला-बैतूल (म.प्र.) से साथी हेमपुष्पा यादव जी एक गोंडी गीत गा रही हैं । यह गीत आदिवासी समाज के लोगों के लिए शिक्षा पर आधारित हैं. इसका अर्थ है- अब तो जाग जाओ, सोने का समय खत्म हो गया है...
जागे मांम आदिवासी, ईतल बातल निकुन नींद लागता
जागे मांम त आदीवासी, ईतल बातल निकुन नींद लागता
भैया पढ़े किम, भाभी पढ़े किम
भैया पढ़े किम, भाभी पढ़े किम
जागे मांम त आदीवासी, ईतल बातल निकुन नींद लागता
चाचा पढ़े किम, चाची पढ़े किम
जागे मांम त आदीवासी, ईतल बातल निकुन नींद लागता
भैया पढ़े किम, भाभी पढ़े किम
त जागे मांम त आदीवासी, ईतल बातल निकुन नींद लागता