वनांचल स्वर: जंगली पेड़ों के लाभ...
ग्राम-चाहचड़, तहसील भानुप्रतापपुर, जिला-कांकेर (छत्तीसगढ़) से संतराम सलाम बताते हैं कुसुम के बीज से जो तेल मिलता है, उसे लगाने से खुजली खत्म होती है। महुआ का पेड़ भी बहुत महत्त्व रखता है, इसको देवी देवताओं में भी चढ़ाया जाता है और खाया भी जाता। फल टोरी बीनते हैं। तेल खाने, लगाने में उपयोग किया जाता है। क्योटी का तेल घी के बराबर स्वाद देता है। भेलवा का तेल कांटा या खूंटा चुभने पर लगाया जाता है| दवाई के रूप में, यह जहरीला भी होता है। इसको गर्म करके लगाया जाता है। अंगुड का तेल एक ही बेल में कई सारे लगते हैं, इसके बीज का तेल दर्द और घाव पर लगातें हैं। भोईनीम सबसे ज्यादा कड़वा होता है, और ज्यादा असरदार भी है। इसका उपयोग लोग अभी भी करते हैं। ये पेड़ अभी भी हैं।
संपर्क@7647070617. (185781) GT