जिस धरती को छीर कर निकली हो कोदई माता...कविता-
जिला-बीजापुर (छत्तीसगढ़) से राजू राना कविता सुना रहें हैं:
जिस धरती को छीर कर निकली हो कोदई माता-
जहाँ कि मिट्टी में फुला हूँ चिकटराज का आशीर्वाद-
जिसकी सीमा की पहरेदारी करते हो बैरव बाबा-
जहां मिलती हो अब भी राम गमन की निशानियाँ-
जहाँ पहाड़ो को छाती चिर कर-
आसमान की उचाईयों से गिरती हैं नदियाँ...(RM)