अपने देशवा के गरीबी को...लोक गीत-
ग्राम-मवाई, जिला-बांदा, (उत्तरप्रदेश) से सुरेन्द्र पाल एक लोक गीत सुना रहें है:
अपने देशवा के गरीबी को-
मिटाई के ना मेवा कमाई ना-
बाला पन में बिहा ना करहो-
घर के हो बर्बादी लड़का-लड़की-
खूब पढाई हो बाद में करिहो सादी-
अपना गहना सोना चाँदी मढाई के-
अपने देशवा के गरीबी को...