वर्तमान युग में बोलना कम बकबक ज्यादा है...कविता-
बड़वानी (मध्यप्रदेश) से सुरेश कुमार कविता सुना रहे हैं:
वर्तमान युग में बोलना कम बकबक ज्यादा है-
देखना कम ताकना ज्यादा है-
सुनना कम सुनाना ज्यादा है-
परिश्रम कम थकना ज्यादा है-
शुद्धता कम मिलावट ज्यादा है-
शौन्दर्य का ब्यूटी पार्लर ज्यादा है... (AR)