ऊंट और सियार की कहानी...
ग्राम-कुटानपानी, जिला-जशपुर (छत्तीसगढ़) से सूरदास पैकरा एक कहानी सुना रहे हैं:
एक सियार और एक ऊंट दोनों साथ रहते थे, एक बार दोनों गन्ने खाने के लिये तलास में गये, रास्ते में एक नदी पड़ा, तब शियार ने ऊंट से कहा मुझे पीठ पर बिठा लो जिससे वह नदी में न डूबे और दोनों उस पार जा सकें, उसके बाद दोनों गन्ने के बाड़ी में पहुंचे और गन्ना खाने लगे, गन्ना खाने के बाद शियार बोला खाने के बाद मै गाना गाता हूँ, ऊंट बोला शोर मत करो, शियार नहीं माना और उसकी आवाज सुनकर बाड़ी का मालिक आया और ऊंट की पिटाई हो गयी और शियार छुप गया, उसके बाद दोनों वहां से आ गये, वापस आते समय फिर नदी पड़ा शियार ऊंट पर बैठ गया और नदी पार करने लगे, तब ऊंट बोला मै मार खाने के बाद नहाता हूँ, शियर बोला नहीं मुझे ऊपर पहुंचा दो उसके बाद नाहा लेना, ऊंट नहीं माना और वह नहाने लगा, जिससे शियार डूबकर मर गया| (AR)