हे जग दाता विश्व विधाता हे सुख शांति के तन है...कविता-
जिला-बलरामपुर (छत्तीसगढ़) से संध्या खलखो एक कविता सुना रही है:
हे जग दाता विश्व विधाता हे सुख शांति के तन है-
प्रेम में सिन्दू वीर के बिंदु-
दूर ददश्य विनाशनी है हे सुख शांति के तन है-
हे जग दाता विश्व विधाता हे सुख शांति के तन है...(AR)