भात पेज कईसन चुरत हवे...छत्तीसगढ़ी कविता
ग्राम-तमनार, जिला-रायगढ़ (छत्तीसगढ़) से कन्हैयालाल पटियारी एक छत्तीसगढ़ी कविता सुना रहे है;
भात पेज कईसन चुरत हवे-
जरहा लुठी कईसन जरत हवे-
कहरा कईसन ठरत हवे-
मने मन मा झुरत हवे-
लुटा गे खेत खनिहार-
भात पेज कईसन चुरत हवे...