हे हंसवाहिनी ज्ञानदायिनी...वंदना-
दिव्या सरस्वती वंदना सुना रही हैं:
अम्ब विमल मति दे, अम्ब विमल मति दे-
जग सिरमौर बनाएं भारत-
वह बल विक्रम दे, वह बल विक्रम दे-
हे हंसवाहिनी ज्ञानदायिनी-
अम्ब विमल मति दे, अम्ब विमल मति दे-
साहस शील हृदय में भर दे-
जीवन त्याग-तपोमर कर दे...