चलो साथियों जायेंगे जंगल अपना बचायेंगे...कविता-
बलोदा बाजार (छत्तीसगढ़) से रामनारायण यादव एक कविता सुना रहे हैं:
चलो साथियों जायेंगे जंगल अपना बचायेंगे-
पेड़ लगाकर धरती में नव हरियाली लायेंगे-
मौसम का बदलाव देखो सुनलो उसका कहना-
धरती कांपे मौत सुनामी सावधान है रहना-
काली माता बनी प्रकृति चारो तरफ थर्राया-
तपता सूरज आज धरा में तापमान बढाया-
ओजोन परत में छेड़ विकिरण धरती में आई है-
एसी रोग बीमारी आवे जिसकी बनी नहीं दवाई है...