कविता : मै अपनी मुनिया को गिनती सिखाऊंगा...
ग्राम पंचायत-बेनूर, जिला-नरायणपुर (छत्तीसगढ़) से प्रदीप जोगी साथ में जेनेन्द्र यादव, लकेश्वर एक कविता सुना रहें है:
मै अपनी मुनिया को गिनती सिखाऊंगा-
बोल मुनिया एक तुझें दिखाऊ कैक-
थोड़ा तुम खा लो गे थोड़ा मै खालूँगा-
मै अपनी मुनिया को गिनती सिखाऊंगा-
बोल मुनिया दो तुझें दिखाऊ ढोल-
थोड़ा तुम बजाओगे, थोड़ा मै बजाऊंगा-
बोल मुनिया तीन, तुझें दिखाऊ बीन-
थोड़ा तुम बजा लो गे,थोड़ा मै बजाऊंगा-
मै अपनी मुनिया को गिनती सिखाऊंगा-
बोल मुनिया चार,तुझें दिखाऊ कार-
थोड़ा तुम चलोगे, थोड़ा मै चलाऊंगा-
मै अपनी मुनिया को गिनती सिखाऊंगा-
बोल मुनिया पांच, तुझें दिखाऊ नांच-
थोड़ा तुम नांच लोगे, थोड़ा मै नांच लूँगा...