हरी डाल पर लगी हुई थी...कविता-
ग्राम-पातुरबेड़ा, जिला-नरायणपुर (छत्तीसगढ़) से अशोक साथ में सुनीता, गायत्री एक कविता सुना रहें हैं:
हरी डाल पर लगी हुई थी-
नन्ही सुंदर एक कली-
तितली उससे आकर बोली-
तुम लगती हो बड़ी-बड़ी-
अब जागो तुम-
आँखें खोलो और मेरे संग खेलो-
हरी डाल पर लगी हुई थी...