हांथी, भालू दोनों में था...कविता-
जिला-सूरजपुर (छत्तीसगढ़ ) से मानमती मरावी एक कविता सुना रही हैं :
हांथी, भालू दोनों में था सच्चा-सच्चा मेल-
दोनों मिल कर खेल रहे थे, लुका छुपी का खेल-
हांथी बोला सुन भाई भालू, अब मै छुपने जाता हूँ-
पानी वाले जगह मिलूँगा पक्की बात बताता हूँ...