सुनो-सुनो संगवारी अनपढ़ का दुःख होथे भारी...गीत-
ग्राम-रामापुरम (तेलंगाना) से कन्हैयालाल केवट शिक्षा पर एक छत्तीसगढ़ी गीत सुना रहे हैं :
सुनो-सुनो संगवारी अनपढ़ का दुःख होथे भारी-
लेखा जोखा कुछु नई तो जाने-
हँसी करी नर-नारी-
गांव मा जब होवे बैठक, कबहूँ न ओही बुलावें-
कबहूँ काल जब धोखा मा पहुचयें, बोलय न कउ कुछ बतावें-
दस्खत समय जब अंगूठा दिखावें हंसी करें नर-नारी...