माँ की हांथ की रोटी छीनी, जेल की रोटी खाई उन्हें हम क्या दे पाये...गीत-
ग्राम-बटाई, पोस्ट-रेवटी, जिला-बलरामपुर (छत्तीसगढ़) से दुर्गेश पटेल एक देश भक्ति गीत सुना रहे हैं :
माँ की हांथ की रोटी छीनी, जेल की रोटी खाई-
उन्हें हम क्या दे पाये-
उन्होंने लिखकर देदी अपनी जान, देश के लिये हुए कुर्बान-
माँ की हांथ की रोटी छीनी, जेल की रोटी खाई-
उन्हें हम क्या दे पाये-
उन्होंने लिखकर देदी अपनी जान, देश के लिये हुए कुर्बान...