वनांचल स्वर: पहले के लोग जंगल पहाड़ से करील, चिरोटा भाजी आदि खाकर जीवन यापन करते थे...
ग्राम-वेरसेनार, पंचायत-बेसगाँव, तहसील-अंतागढ़, जिला-उत्तर बस्तर कांकेर (छत्तीसगढ़) से गाँव की बुजुर्ग महिला पार्वती गोंडी भाषा में सीजीनेट जन पत्रकारिता यात्रा की रानो वड्डे को बता रही है कि पहले ज़माने के लोग जंगल पहाड़ से जाकर सब्जी भाजी ढूँढकर लाते थे जैसे करील, चिरोटा भाजी पहले आदिवासी लोग ये सब खाकर जीवन यापन करते थे जिससे वे स्वस्थ रहते थे पर वे कह रही हैं कि आज के लोग पूरा बाजार पर निर्भर हो गए है| और अभी बाज़ार में सभी चीज में केमिकल मिला वाला खाना मिलता है, चावल में केमिकल है सब्जी में केमिकल है और चूंकि हर चीज बाजार से लेकर खा रहे हैं इसलिए अब के लोग जल्दी और बार बार भी बीमार पड़ जाते है|