हे शारदे माँ, हे शारदे माँ, अज्ञानता से हमें तार दे माँ...वंदना गीत-
ग्राम-गोरबहरी, जिला-रायगढ़ (छत्तीसगढ़) से त्रिलोकी सिदार एक वंदना सुना रहे हैं:
या कुंदेंदु तुषार हार धवला, या शुभ्र वास्त्राविता-
या वीणा वरदंडमंडित करा या श्वेत पद्मासना-
या ब्राम्हा चित शंकरा प्रभुति भी, देवय सदा वंदिता-
श्यामा पातु सरस्वती भगवती, निशेश जध्या पहा-
हे शारदे माँ, हे शारदे माँ, अज्ञानता से हमें तारदे माँ-
तू स्वर की देवी संगीत तुझसे, हर शब्द तेरा है, हर गीत तुझसे-
हम हैं अकेले, हम है अधूरे तेरे शरण में हमें तार दे माँ...