हरे रामा पिया गये परदेश, ना आये पाती रे हरे...कजली विरह गीत-
ग्राम-छुलकारी, पोस्ट-पसला, जिला-अनूपपुर (मध्यप्रदेश) से मंदाकनी मिश्रा एक कजली गीत सुना रही हैं :
हरे रामा पिया गये परदेश, ना आये पाती रे हरे-
मोहे समझावें, समझावें ससुराल-
के बहु मोरो धरो ह्रदय में धीर ललन घर आएंगे हरे-
जेठा मोरी मोही समझावें, समझावें जेठी-
कि बहू मोरो धरो ह्रदय में धीर भईया घर आएंगे हरे-
ननदी मोरे मोही समझावें, समझावे ननादोई...