वन अधिकार अधिनियम 2006 में आखरी निर्णय ग्राम सभा का होता है-
ग्राम-बनेडेगा, प्रखण्ड-पालकोट, जिला-गुमला (झारखण्ड) से ललित कुमार महतो वन अधिकार अधिनियम के बारे में बता रहे हैं, वे वन अधिकार अधिनियम के लिए काम करते हैं, लोगो को इसके बारे में जानकारी देते हैं, वन अधिकार अधिनियम 2006 में लागू हुआ जिसके अनुसार 13 दिसम्बर 2005 में जो व्यक्ति वन भूमि पर कब्जा कर अपना जीवन यापन कर रहा है, उन्हें 10 एकड़ तक भूमि देने का प्रावधान है, इसके लिए व्यक्ति उसी गांव का होना चाहिए, आदिवासी हो तो उसका जाति प्रमाण पत्र, जमीन का नक्शा, ग्राम सभा के प्रस्ताव की प्रति लगाकर अनुमण्डल स्तरीय समिति के पास जमा किया जाता है, इसमें अंतिम निर्णय ग्राम सभा का होता है, अभी तक चैनपुर प्रखण्ड के 83 गांव में उन्होंने काम किया है...