माटी के घर ला फोड़ के मनात है तिहार...छत्तीसगढ़ी कविता
ग्राम-तमनार, जिला-रायगढ़ (छत्तीसगढ़) से कन्हैयालाल पडियारी एक छत्तीसगढ़ी कविता सुना रहे है:
माटी के घर ला फोड़ के-
मनात है तिहार-
ईटा सीमेंट कुदरू गिट्टी के-
हो गए है भरमार-
बैला गाडी भैसा गाडी नंदा गए-
ट्रेक्टर डम्पर के आगे बहार-
पटपटी में चढ़ के बेटा-
चले है मनाये दशहरा त्यौहार-
आगू पीछे हावे उदा-उदा-
दोस्त और संगवारी यार-
दाई दादा के बेच के गुदा-
खावत आवे जेहरिले खुसियात...