गरीब का 10 हजार का लोन पास नही होता पर बड़े व्यापारी को करोड़ों आसानी से मिल जाता है...
आज के समय में कार्यालयों के भ्रष्ट अधिकारीयों के कारण स्थिति ऐसी हो गई कि वहां उपरी आवरण देख कर काम किया जाता है, यदि कोइ गरीब इंसान फटे, पुराने कपड़े पहनकर किसी कार्यालय में जाता है तो उसके काम को टाल दिया जाता है बार-बार प्रयास करने के बाद भी काम नही होता| अधिकारी, कर्मचारी, सरकार कोई ध्यान नहीं देते| इसके विपरीत जब किसी व्यपारी का काम होता है तो आसानी से हो जाता है| एक तरफ एक उद्योगपति को लाखो, करोड़ो रुपए का लोन आसानी से मिल जाता है भले ही वह लेकर भाग जाए| लेकिन एक गरीब, किसान, मजदूर 5-10 हजार के लोन के लिए कार्यालय के चक्कर काटते रह जाता है लेकिन लोन पास नहीं हो पाता ऐसे सरकार और व्यवस्था की जितनी निंदा की जाए कम है|