मै अमर शहीदों का चारण, उनके यश गाया करता हूँ...देशभक्ति कविता
ग्राम-रमकोला, जिला-सूरजपुर (छत्तीसगढ़) से अनीता और मानवती एक देशभक्ति कविता सुना रहे हैं :
मै अमर शहीदों का चारण उनके यश गाया करता हूँ-
जो कर्ज राष्ट्र ने खाया है मै उसे चुकाया करता हूँ-
यह सच है याद शहीदों की हम लोगों ने दफनाई हैं-
यह सच है उनकी लाशों पर चलकर आजादी आई हैं-
उन गाथाओं से खून गरमाया करता हूँ-
मै अमर शहीदों का चारण उनके यश गाया करता हूँ...