बेटी हूँ मैं, बेटी मैं तारा बनूँगी...गीत
जीवन संगम बोधगया (बिहार) से सुनील कुमार जन आंदोलन के राष्ट्रीय समन्वय के कार्यक्रम में गाए जा रहे गीत को सुना रहे हैं :
बेटी हूँ मैं बेटी मैं तारा बनूँगी-
लिखुंगी पढूंगी मैं मेहनत भी करूंगी-
अपने पांवो से चलकर दुनिया को देखूंगी-
दुनिया को देखूंगी मै दुनिया को समझूंगी-
फूल जैसी सुंदर बागों में खेलूंगी-
तितली बनूंगी मैं हवा को चूमुंगी...