मोर गाँव मोर अंगना, हमर सबके ये है प्राण...कविता -
ग्राम-तमनार, जिला-रायगढ़ (छत्तीसगढ़) से कन्हैयालाल पडियारी एक कविता सुना रहे हैं:
मोर गाँव मोर अंगना,हमर सबके ये है प्राण-
गाँव के मन अब साहब बनगे, भुलागेन खेती बाड़ी-
परे बर पांव माँ-बाप के लाज लागते-
जब भार्गव बन गये रहे भगवान्-
मोर तमनार अब बनथे महान-
चिपचिपा खार केलो बिहार बनगे-
डोली खेत टूटगे प्लांट, खुश बासी होगे-
किसान मोर तमनार होगे महान|
तमनार तो चले गये अब है सत्ताईस गाँव के बारी-
सोनकर भुइयां अब करिया परगे-
सब्बो बन ही कोयला खदान...