सुबह जागिये, कह रही हैं हवाएं, मुझ जैसी न होती कोई भी दवाएं...कविता-
मालीघाट मुजफ्फरपुर (बिहार) से सुनील कुमार महेश ठाकुर चकोर की एक रचना सुना रहे हैं जिसमे कहा गया है कि सुबह जागने से बहुत फायदा मिलता हैं:
सुबह जागिये कह रही हैं हवाए-
मुझ जैसी न होती कोई भी दवाएं-
सुबह जागिये कह रही हैं हवाए-
सूरज की किरणें बुलाने हैं आई-
विटामिन c देखो लुटाने हैं आई-
विटामिन c हड्डी को बलवान बनाये-
सुबह जागिये कह रही हैं हवाएं...