जिन्दगी का एक और वर्ष कम हो चला...रचना
मालीघाट, जिला-मुजफ्फरपुर (बिहार) से सुनील कुमार नए वर्ष की बधाई देते हुए संतोना भारती की एक रचना सुना रहे हैं:
जिन्दगी का एक और वर्ष कम हो चला-
कुछ पुरानी यादें पीछे छोड़ चला-
कुछ ख्वाइशें दिल में रह जाती है-
कुछ बिन मांगे मिल जाती हैं-
कुछ छोड़ कर चले गये-
कुछ नये जुड़ेंगे इस सफर में-
कुछ मुझसे बहुत खफा हैं-
कुछ मुझसे बहुत खुश हैं-
कुछ मुझे मिल के भूल गये-
कुछ मुझे आज भी याद करते हैं-
कुछ शायद अनजान हैं-
कुछ बहुत परेशान हैं-
कुछ को मेरा इंतजार हैं-
कुछ का मुझे इंतजार है-
कुछ सही है कुछ गलत भी है-
कोई गलती तो माफ कीजिये-
कुछ अच्छा लगे तो याद कीजिये...