पंछी जपईया हरिनाम बिरिछ पर...बज्जिका भाषा में पराती गीत-
मालीघाट मुजफ्फरपुर (बिहार) से सुनील कुमार सुबह के समय बुजुर्गों के द्वारा गाया जाने वाला बज्जिका भाषा में पराती गीत सुना रहे हैं जो अब विलुप्त होने के कगार पर है :
पंछी जपईया हरिनाम बिरिछ पर – पंछी जपईय हरिनाम – नीचे से ब्याधा सर-नर ताने, ऊपर उडईय बाझ बिरिछ पर – ब्याधा के डसलक काली नगिनिया, बझबा के लागल गले फांस
पंछी जपईया हरिनाम बिरिछ पर...