जीसस जिन्दा थे तो उनके लिए क्या किया, जीसस को अपनी सूली खुद अपने कंधो पर ढोनी पड़ी...
मालीघाट, मुजफ्फरपुर (बिहार) से सुनील कुमार आज बड़े दिन या क्रिसमस या ईसा मसीह के जन्मदिन के अवसर पर सारे संसार को संबोधित करते हुए कहते है तुम राम, बुद्ध, महावीर, किसी को भज सकते हो, लेकिन जब महावीर जिन्दा थे तुमने पत्थर मारे, जब बुद्ध जिन्दा थे तब उनकी हत्या की कोशिश की, मीरा के गुण गाते हो जब मीरा जिन्दा थी तब जहर के प्याले भेजे, तुम बड़े ही अजीब लोग हो अभी जितने मंदिर जीसस के लिए समर्पित हैं उतने किसी के लिए नही होंगे, लेकिन जब जीसस जिन्दा थे तो उनके लिए क्या किया? जीसस को सूली खुद अपने कंधो पर ढोनी पड़ी जैसे कोई चोर या हत्यारे हो. ये कैसा समाज है जो अपने गुरु को मरने के बाद उसकी पूजा करता है?