दरोगा जी हो चार दिन से पियावा फल पाता...लोकगीत -
मालीघाट, जिला-मुजफ्फरपुर (बिहार) से सुनील कुमार एक लोकगीत सुना रहे है:
सोची-सोची जिया हमरो काहे घबराता-
दरोगा जी हो चार दिन से पियावा फल पाता-
शहर में खोजनी बा जरिया बजरिया-
कतई बलम भी न आवेले नजरिया-
कतनो लगावा तानी लगात नहीं के पता-
दरोगा जी हो चार दिन से पियावा फल पाता...