पारंपरिक गोंडी लोक नृत्य रेला पाटा के बारे में बातचीत...
सीजीनेट जन पत्रकारिता यात्रा आज ग्राम-उमरपाल तीजू,पोस्ट-सिवनी उत्तर बस्तर छत्तीसगढ़ में वीर नारायण शहादत दिवस के उपलक्ष्य में मनाए जा रहे गोंडी संस्कृति महोत्सव में शामिल हुए रेला पाटा दल के अध्यक्ष बैजनाथ जी से बात कर रहे हैं जो बता रहे हैं वे एक साल से रेला पाटा अर्थात रेला संगीत लोकनृत्य समूह चला रहे हैं इनके समूह में 30 लोग हैं जिसमे 16 महिलाएं हैं. पुरुष, महिला, बच्चे सभी इस दाल में इसमें शामिल हैं वाद्य यंत्र में तम्बूरा, मंजीरा, डफली, मांदर आदि का प्रयोग किया जाता है. वाद्ययंत्रों को वे खुद नही बनाते कारीगर से बनवाते हैं वहां पर उनके गाँव के बाहर उनका पहला कार्यक्रम है शादी में भी वे अपना कार्यक्रम करते हैं रेला पाटा गोंडी परंपरा से जुड़ा एक लोक नृत्य है जिसमे लोग समूह में नाचते हैं|