अरे करम अरे काय करम बाचा, येला जो कान रिझा बांचा...करमा गीत-
ग्राम-कुडकेल, प्रखण्ड-चैनपुर, जिला-गुमला (झारखण्ड) से स्वास्थी सादरी भाषा में एक करमा गीत सुना रही हैं :
अरे करम अरे काय करम बाचा, येला जो कान रिझा बांचा-
हरे करम बड़े चार करम बांचा, येला जो कान रिझा बांचा-
अरे करम केरा रे करम केरा का, केला जों काले डुबा बांचा-
अरे करम अरे काय करम बाचा, येला जो कान रिझा बांचा...
Posted on: Jul 14, 2018. Tags: MAHENDRA SINGH UIKEY SONG VICTIMS REGISTER
अपन सभा ग्राम सभा के, मजबूत बनवा अपन अधिकार के जान लेवा...ग्रामसभा जागृति गीत-
ग्राम-पनकेल, पंचायत-रामपुर, जिला-गुमला (झारखण्ड) से शीला बेक एक ग्रामसभा जागृति गीत सुना रही हैं:
गांव सभा अपन सभा ग्राम सभा के-
मजबूत बनवा अपन अधिकार के जान लेवा-
अपन गांव में अपन राय देसालावा-
हर महिना मीटिंग बईठ के गांव में हाल चाल संग गोथियावा-
गांव कर लड़ाई झगड़ा गांव में सुलझावा-
थाना मती जावा हाय रे गांव में सुलझावा...
Posted on: Jul 14, 2018. Tags: MAHENDRA SINGH UIKEY SONG VICTIMS REGISTER
कोई लाख करे चतुराई रे करम का लेख मिटे ना रे भाई...सत्संग गीत
जिला-डिंडौरी (मध्यप्रदेश) से महेन्द्र सिंह उइके एक गीत सुना रहे हैं:
कोई लाख करे चतुराई रे करम का लेख मिटे ना रे भाई-
जरा समझो इसकी सच्चाई रे करम का लेख मिटे ना रे भाई-
इस दुनिया में भाग्य के आगे चले न किसी का उपाय-
कागज हो तो सब कोई बांचे करम ना बांचा जाय-
एक दिन किसी किस्मत के कारण बन को गइने रघुराई रे-
काहे मनवा धीरज खोता काहे तू नाहक रोय-
अपना सोचा कभी नही होता भाग्य करे सो होय-
चाहे हो राजा चाहे भिखारी, ठोकर यही सब ने खाई रे...
Posted on: Feb 27, 2018. Tags: MAHENDRA SINGH UIKEY SONG VICTIMS REGISTER
पारंपरिक गोंडी लोक नृत्य रेला पाटा के बारे में बातचीत...
सीजीनेट जन पत्रकारिता यात्रा आज ग्राम-उमरपाल तीजू,पोस्ट-सिवनी उत्तर बस्तर छत्तीसगढ़ में वीर नारायण शहादत दिवस के उपलक्ष्य में मनाए जा रहे गोंडी संस्कृति महोत्सव में शामिल हुए रेला पाटा दल के अध्यक्ष बैजनाथ जी से बात कर रहे हैं जो बता रहे हैं वे एक साल से रेला पाटा अर्थात रेला संगीत लोकनृत्य समूह चला रहे हैं इनके समूह में 30 लोग हैं जिसमे 16 महिलाएं हैं. पुरुष, महिला, बच्चे सभी इस दाल में इसमें शामिल हैं वाद्य यंत्र में तम्बूरा, मंजीरा, डफली, मांदर आदि का प्रयोग किया जाता है. वाद्ययंत्रों को वे खुद नही बनाते कारीगर से बनवाते हैं वहां पर उनके गाँव के बाहर उनका पहला कार्यक्रम है शादी में भी वे अपना कार्यक्रम करते हैं रेला पाटा गोंडी परंपरा से जुड़ा एक लोक नृत्य है जिसमे लोग समूह में नाचते हैं|
Posted on: Dec 19, 2017. Tags: MAHENDRA SINGH UIKEY SONG VICTIMS REGISTER
स्वास्थ्य स्वर: मैंने अपने पूर्वजों से इलाज करना सीखा, बवासीर, गैस,शुगर के मरीज़ ज़्यादा आते हैं...
वैद्य बिसाऊराम सोडी ग्राम-सिधवान नयापारा, तहसील-केशकाल, जिला-कोंडागाँव के रहने वाले है वे बता रहे है कि वैद्य का काम उनके घर में तीन पीढ़ी से करते आ रहे है और वे भी 2001 से कर रहे है वे भी अपने पिता और दादा से सीखे है और खुद जंगल से जड़ी बूटी लाते है और जो जड़ी बूटी जंगल में नहीं मिलते है उनको खरीदकर लाते है और वे शुगर, गैस, बवासीर, हड्डी जोड़ का इलाज करते है और हर महीने उनके पास लगभग 150-200 मरीज आ जाते है और वे समाज सेवी की तरह काम करते है | उनके पास ज्यादातर गैस, बवासीर शुगर के मरीज आते है और बवासीर तीन प्रकार के होते है, खुजली वाला, मसा वाला, खुनी वाला होता है वे उन तीनो रोगों का इलाज करते है.