वनांचल स्वर: किसान लाख छोटे व्यापारियों को बेचते हैं फिर हम उसे बड़े व्यापारियों को बेचते हैं...
दुर्गुकोंदल बाजार, जिला-उत्तर बस्तर कांकेर (छत्तीसगढ़) से कन्हैयालाल केवट व्यापारी चेतराम जैन से चर्चा कर रहे है वे ग्राम-जातावडा, भानुप्रतापपुर के रहने वाले हैं, वे किसानी करते हैं और साथ में गल्ला का व्यापार भी करते हैं जिसमे वे लाख खरीदते हैं. लाख का उपज कुसुम, बेर, पीपल, पलसा के पेड़ो में होता है साल में दो बार इसकी कटाई होती है पहली कटाई जनवरी, फरवरी में होती है फरवरी में लाख के कीड़े निकलकर पेड़ की डालियों में चढ़ जाते हैं जिसे जून, जुलाई में काटी जाती है लाख को किसान लाते हैं और हम जैसे छोटे व्यापारियों के पास बेच देते हैं जिसे वे बड़े व्यापारियों को बेचते हैं यदि किसान स्व-सहायता समूह बनाएं तो बड़े व्यापारी उनके पास आ सकते हैं और उन्हें अधिक दाम मिल सकता है