देखो कोयल काली है पर मीठी है उसकी बोली...कविता -
ग्राम-करकेटा, पोस्ट-जोगा, थाना-उटारी रोड, जिला-पलामू (झारखण्ड) से अकलेश कुशवाह एक कविता सुना रहे है:
देखो कोयल काली है पर मीठी है उसकी बोली-
इसने ही तो कुक कुक कर आमो में मिसरी घोली-
कोयल! कोयल! सच बतलाओ, क्या संदेशा लाई हो-
बहुत दिनों के बाद आज फिर, इस डाली पर आई हो-
क्या गाती हो, किसे बुलाती, बतला दो कोयल रानी-
प्यासी धरती देख, माँगती हो क्या मेघों से पानी...