लिखना कि प्यार की दीवानगी में ताज़महल तो बना, पर नही बना तुम्हारा झोपड़ा...कविता
ग्राम-मालीघाट, जिला-मुजफ्फरपुर, (बिहार) से सुनील कुमार मजदूर पर एक कविता सुना रहे हैं जो संतोष श्रीवास्तव द्वारा लिखी गई है:
तुम लिखना इतिहास अपने आसुँओं का-
लिखना कि प्यार की दीवानगी में ताज़महल तो बना, पर नही बना तुम्हारा झोपड़ा-
वहसी दीवानगी ने तोड़ दी हदे, इंसानियत की बर्बरता को मात देता एलान-
कि काट लो हाथ फ़िर कभी ना बने, ताज़महल दूसरा-
यह कैसी दीवानगी, जिसमे पाक मोहब्बत ना थी-
हुकूमत का नशा खुद को ख़ुदा मान लेने की, आसमानी अकड़...