किसान स्वर : मखाना से भोज्य उत्पाद के विकास एवं अनुसंधान की प्रबल संभावनाएँ हैं...
मालीघाट,जिला-मुजफ्फरपुर (बिहार) से सुनील कुमार मखाना के बारे बता रहे है ये बता रहे हैं कि तालाब, झील, दलदली क्षेत्र के शांत पानी में उगने वाला मखाना पोषक तत्वों से भरपुर एक जलीय उत्पाद है। मखाने के बीज को भूनकर इसका उपयोग मिठाई, नमकीन, खीर आदि बनाने में होता है। मखाने में 9.7% आसानी से पचने वाला प्रोटीन, 76% कार्बोहाईड्रेट, 12.8% नमी, 0.1% वसा, 0.5% खनिज लवण, 0.9% फॉस्फोरस एवं प्रति १०० ग्राम 1.4 मिलीग्राम लौह पदार्थ मौजूद होता है । 2002 को दरभंगा के निकट बासुदेवपुर में राष्ट्रीय मखाना शोध केंद्र की स्थापना की गयी।मखाना से भोज्य उत्पाद के विकास एवं अनुसंधान की प्रबल संभावनाएँ है.सुनील@9308571702