साज़िशें सब सामने होती रहीं, थी खबर फिर भी रहे मदहोश हम...गजल
मालीघाट, जिला-मुजफ्फरपुर (बिहार) से सुनील कुमार, महेश कटारे सुगम की रचना सुना रहे है:-
साज़िशें सब सामने होती रहीं-
थी खबर फिर भी रहे मदहोश हम-
बेईमानों के बढ़ाये हौसले-
उनका ही करते रहे जयघोष हम-
बेच खाया हमने अपना स्वाभिमान-
मारते ही आये हैं आक्रोश हम...