पर्वत कहता शीश उठा कर, तुम भी ऊँची बन जाओ...कविता
ग्राम-गढ़, पोस्ट-गढ़, जिला-रीवा (मध्यप्रदेश) से आराधना गुप्ता एक कविता सुना रही हैं:
पर्वत कहता शीश उठाकर, तुम भी ऊँची बन जाओ-
सागर कहता है लहराकर, मन में गहराई लाओ-
समझ रही हो क्या कहती, उठ-उठ,गिर-गिर,तरर-तरर-
भर लो-भर लो अपने मन में मीठी-मीठी मृदुल उमंग-
पृथ्वी कहती धैर्य न छोडो कितना भी हो सिर पर भार-
मन कहता है फैलो इतना, ढक लो तुम सारा संसार...