अवसर अपने कल भी होंगे, पेड़ लगा तो फल भी होंगे...गिरीश पंकज की कविता-
सुनील कुमार गिरीश पंकज की रचना सुना रहे हैं :
अवसर अपने कल भी होंगे-
पेड़ लगा तो फल भी होंगे-
मुद्दे माना है गरमाए-
बैठेंगे तो हल भी होंगे-
अच्छे लोगो की दुनिया में-
कमी नहीं है वो कल भी होंगे-
सावधान रहना ओ राही-
साथ तुम्हारे छल भी होंगे-
जीवन का दस्तूर यही है-
नायक है तो खल भी होंगे-
जो हमको खुशियों से भर दे-
जीवन में वे पल भी होंगे-
हमें तोड़ने वाले लेकिन कुछ संबल भी होंगे...