चलो गीत गाओ, चलो गीत गाओ...भवानी प्रसाद मिश्र की कविता
सुनील कुमार, भवानी प्रसाद मिश्र की एक कविता सुना रहे है, मिश्र उन गिने चुने कवियों में थे जो कविता को ही अपना धर्म मानते थे और आमजनों की बात उनकी भाषा में ही रखते थे:
चलो गीत गाओ ,चलो गीत गाओ-
कि गा गा के दुनिया को सर पर उठाओ-
अभागे की टोली अगर गा उठेगी-
तो दुनिया पे दहशत बड़ी छा उठेगी-
सुरा बेसुरा कुछ न सोचेंगे गाओं-
कि जैसा भी सुर पास में हैं चढ़ाओं...