इन्सान हो तो इन्सान की तरह जीया करो...कविता
ग्राम-तमनार, जिला-रायगढ़ (छत्तीसगढ़) से कन्हैयालाल पडियारी एक कविता सुना रहे है:
इन्सान हो तो इन्सान की तरह जीया करो-
आयो हो जग में तो कुछ काम किया करो-
बदनाम गली में जाया न करो-
इन्सान हो इन्सान की तरह राह करो-
दीन दुखियों पर कुछ तो दया करो-
मुसाफिर हूँ किसी का आशियाना न उजाड़ा करो-
किसी की अरमान का चिता जलाया न करो-
दो निवाले खाकर जिया करो-
कमजोरो को सताया न करो-
आहे उनकी लग जायेगी-
दुआ करो जब दे नहीं सकते हो-
ताल उनकी छीना न करो...