गाँव बचाये, गाँव बचाये...गीत-
मालीघाट, जिला-मुज़फ़्फरपुर (बिहार) से सुनील कुमार संजय पंकज की एक रचना सुना रहे है :
गाँव बचाये, गाँव बचाये-
जलते हुए समय में साथी-
वट पीपल की छाँव बचायें-
टूट रहा है भाई चारा-
संबंधो की नदी तैरकर-
मजधारो में नांव बचाए-
मदिर मस्जिद के झगड़े क्या-
उच्च-नीच पिछड़े अगडे क्या-
भारत माँ की सब संताने-
इंसा बनकर भाव बचाएं-
सूर्य चन्द्र नभ एक विधाता-
एक सभी की धरती माता-
एक रंग के लहू पसीने-
एक ह्रदय के सद्भाव बचाए-
गले-गले सब मिलकर देखो-
फूलो सब खिलकर देखो-
देखो सब के मन प्राणों का-
समवेदन के पाँव बचाए...