नारी नर की ना अरी, वो है सच्ची मित्र...8 मार्च महिला दिवस पर कविता-
मालीघाट, जिला-मुजफ्फरपुर, (बिहार) से सुनील कुमार महिला दिवस पर गिरीश पंकज की रचना सुना रहे हैं:
नारी नर की ना अरी, वो है सच्ची मित्र-
दोनों का हो साथ तब,सुंदर बनता चित्र-
मत समझो कमजोर तुम,नारी गुण की खान-
मूरख जन कैसे करे, हीरे की पहचान-
नारी से ही नर बने, बिन नारी बेकार-
रंगहीन उद्यान-सा, लागे यह संसार-
मन कोमल, मजबूत पर, नहीं रही कमजोर-
स्त्री-शक्ति में प्रबल, करे न लेकिन शोर...