होली समाज के हर एक वर्ग को सदभाव के सूत्र में जोड़ने का एक सामूहिक महोत्सव...
होली समाज के हर एक वर्ग जाति के लोगो को सदभाव के सूत्र में जोड़ने का एक सामूहिक महोत्सव है, होली के उल्लास के जरिये बहुत गहराई तक लोक संस्कृति में धसी है. लोक जीवन में होली का त्यौहार अन्य पर्वो से ज्यादा लोकप्रिय है, होली के पूर्व रात्रि में होलिका का दहन परम्परा है, समस्त उत्तर भारत में होली के पूर्व होने वाले इस विधान में एकरूपता दिखाई पड़ती है, जबकि दक्षिण प्रान्तों में होली दहन में भिन्नता दिखाई पड़ती है, कई प्रान्तों में होली दहन प्रहलाद नाम से भी जाना जाता है. अधिकतर गाँव एवं शहरो में बच्चो के द्वारा लकड़ी और गोबर के उपलों,कन्डो के द्वारा दहन किया जाता है, भारतीय लोक संस्कृति बिना यज्ञ आदि को समर्पित किये बगैर नवरात्र ग्रहण नही किया जाता इस कारण फागुन पूर्णिमा को सुमिध एकत्रित कर उसमे अग्नि का स्थापना कर गेहू, चने की बालियों की आहुति देने के बाद ही किसान खलिहान से अन्न घर ले जाते थे, होली पर्व कृषि युग की देन है-सीजीनेट परिवार को होली की ढेर सारी शुभकानाये|