वाह रे मोबाइल, तेरी पुकार से दिल दहल जाती है...मोबाइल पर कविता
मालीघाट, जिला-मुजफ्फरपुर (बिहार) से सुनील कुमार बस्तर छत्तीसगढ़ के कवि पतिराम ताराम की कविता सुना रहे है:
वाह रे मोबाइल, तेरी पुकार से दिल दहल जाती है-
कुछ भी करते रहो, हाथ झट से उठा लेती है-
अधिकारी का कॉल हो तो, रूह काप जाता है-
प्रेमिका का कॉल हो तो, दिल बाग़-बाग़ हो जाता है-
पत्नी का कॉल हो तो, कान खड़े हो जाते है-
पुत्र का कॉल हो तो, हाथ ज़ेब में चला जाता है-
पुत्री का कॉल हो तो, डर पहले ख़ुशी बाद में आती है-
रिश्तेदार का कॉल हो तो, डर दिल में शमा जाती है-
वाह रे मोबाइल, तेरी पुकार से दिल दहल जाती है...