उल्लू का दहेज़ : कहानी...
मालीघाट, जिला-मुजफ्फरपुर (बिहार) से सुनील कुमार उल्लू का दहेज़ शीर्षक से एक कहानी सुना रहे हैं. बहुत समय पहले की बात है चन्गेज खान अपने फौज के साथ डेरा डाले रात काट रहे थे. वहां एक बहुत बड़ा पेड़ था पेड़ के ऊपर कुछ उल्लू बैठे बाते कर रहे थे.चन्गेज खान ने अपने वजीर से पूछा तू तो पक्षियों की बोली समझता है बता ये क्या बाते कर रहे हैं. वजीर ने कहा खान साहब इन उल्लू में से एक उल्लू दूसरे जंगल का है वो अपनी बेटी का रिश्ता करने आया है और दहेज़ की बात चल रही हैं. उल्लू दहेज़ में उधार मांगते है. बेटी वाला उल्लू बोल रहा है कि चन्गेज के होते हुए दहेज़ की चिंता मत करो जितना उधार मांगते हो मिल जाएगा, वजीर की बात को सुनकर के च न्गेज खान को बहुत दुःख हुआ. सुनील@9308571702