हीरा रुपया गहरे पानी मेरी मछली दूर गिराय...बाल कविता
ग्राम-केरकेटा, पोस्ट-जोगा, थाना-उतारी रोड, जिला-पलामू (झारखण्ड) से अकलेश कुशवाह एक कविता सुना रहे हैं:
हीरा रुपया गहरे पानी मेरी मछली दूर गिराय-
कितनी अच्छी झलकी रानी-
बड़ा समुन्दर इसके अन्दर-
मैं कैसे जा पाऊंगा अगर तुम ढून्ढकर-
ला दोगी तो मैं मेले में जाऊँगा-
तू आती जाती रहती है ये सारा घर तेरा है-
यहाँ वहां कुछ देख जरा तू कहाँ रुपया मेरा है...