नोट हमारे डंडे उनके, वाह रे वाह हथकंडे उनके...नोटबंदी पर कविता
ग्राम-मालीघाट, जिला-मुज्जफरपुर बिहार से सुनील कुमार दिलीप पंकज की हाल में हुई नोटबंदी पर एक कविता सुना रहे है :
वाह रे वाह हथकंडे उनके-
नोट हमारे डंडे उनके-
वाह रे वाह हथकंडे उनके-
समझ न पाए आखिर हम सब-
आखिर क्या हैं फंडे उनके-
नचा रहे हे आज देश को-
वाह रे वाह हथकंडे उनके...