मन के मईलिया जे ना दोई...भोजपुरी गीत
सुनील कुमार, मालीघाट, मुजफ्फरपुर, (बिहार) से एक भोजपुरी गीत सुना रहे हैं :
मन के मईलिया जे ना दोई-
अंत समय ऊ बहुते रोई-
मन के महल में हरी के बसेरा-
हरी के बिना मन उजरल बेला-
काजी जहरिया जहरिबोई-
अंत समय बहुते रोई-
मन के मईलिया अवद ना दे अस गुनका पाई-
बिना निर्गुन नहीं आई-
करले जैसन बरनी होई-
मन के मई लिया जे ना रोई...