तेरे साथ वो गुजरा लम्हा तेरे साथ वो गुजरा लम्हा...कविता
ग्राम मालीघाट मुजफ्फरपुर बिहार से सुनील कुमार कवि मिलन सिंह की एक कविता सुना रहे है:
तेरे साथ वो गुजरा लम्हा तेरे साथ वो गुजरा लम्हा-
आज भी मेरी जिन्दगी से गुजर न पाया-
अब नहीं है तू कही पर लगता है जैसे साथ हो तेरा साया-
सही कहा है तूने हा आज भी ये बिगड़ा सुधर न पाया-
तू ही था एक मेरा जो मेरा था पर हो न पाया,
बहोत आये तेरे जाने के बाद पर किसी को ये मिलन न मिल पाया.....