मगरमच्छ, हाथी और बिहार में कोनहारा के पशु मेला की कहानी...
एक समय की बात हैं (कोन्हारा) गंगा के किनारे हाथी स्नान कर रहे थे तभी पानी के अन्दर से एक मगरमच्छ आया और हाथी के पैर को पकड के खीचने लगा हाथी ने बहुत प्रयास किया बाहर निकलने के लिए पर नही निकल पाया | कहा जाता है कि पानी के अन्दर मगरमच्छ की ताकत सौ हाथी के बराबर होती है इस तरह से हाथी अन्दर चला गया फिर हाथी भगवान् को याद करते हुए भक्ति किया माना जाता है भक्ति करने से भगवान् दौड़े चले आते है इस प्रकार से भगवान विष्णु के दर्शन हुए और उन्होंने मगरमच्छ का वध किया | इसी जगह बिहार में कोन्हारा का प्रसिद्ध पशु मेला लगता है प्रति वर्ष एक माह यह मेला चलता है, जहा अधिकांश व्यपारियों का आना-जाना लगा रहा है सुनील कुमार@9308571702